नेबेल
पुरस्कार के बारे मे आपने जरूर सुना या पढ़ा होगा। यह पुरस्कार विष्व के सर्वाधिक
प्रतिष्ठित पुरस्कारों की श्रेणी में आता है। यह पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की
स्मृति मे प्रत्येक वर्ष 10 दिसम्बर को नोबेल फांउडेषन द्वारा वितरित किये
जाते हैं।
अल्फ्रेड
नोबेल ने अपने पूरे जीवन काल में 355 अविष्कार
किये ये जिनमें डायनामाइट का अविष्कार भी शामिल हैं। उनकी मृत्यु से पूर्व उन्होने
अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा ट्रस्ट के नाम कर दिया और नोबेल की इच्छा थी कि इस
पैसे के ब्याज से ऐसे लोगो को सम्मानित किया जाए जो मानव जाति के कल्याण के लिये
कार्य कर रहे हैं।
नोबेल
फांउडेषन हर वर्ष स्वीडिष बैंक में जमा इस राषि से शांति,
साहित्य,
भौतिक,
रसायन,
चिकित्सा
विज्ञान और अर्थषास्त्र में सर्वोच्च योगदान देने वाले लोगों केा नोबेल पुरस्कार
से सम्मानित करती है।
भौतिक
शास्त्र, रसायन शास्त्र, चिकित्सा,
साहित्य
व शांति जैसे पाॅच विषयों के क्षैत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को नोबेल
पुरस्कार दिये जा रहे है। यह पुरस्कार अधिकतम 3 लोगों के एक
क्षैत्र में दिये जा सकते है।
भौतिकी व
रसायन शास्त्र के पुरस्कार स्वीडिष एकेडमी आॅफ साइंस द्वारा प्रदान किये जाते है।
जबकि अर्थषास्त्र के लिये नोबेल पुरस्कार दिये जाने की शुरूआत 1969 में हुई।
स्वीडिष
अकादमी ही इस बात का निर्णय लेती है कि किस वर्ष किस व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार
दिया जाएगा।
भारत के
महात्मा गांधी केवल एक ऐसे व्यक्ति थे जिनको 5 बार नामित
किया गया लेकिन वह पुरस्कार पाने में असफल रहे क्यूंकि 1948 मंे उनकी
हत्या हो गई थी।
1974 में नियम
बनाया गया कि मृत्यु के बाद किसी व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार नही दिया जाएगा।
द्वितीय विष्व
युद्व के दौरान 1940 से 1942 तक भी नोबेल
पुरस्कार नहीं वितरित किये गये थे।
भारत की और
से पहला नोबेल पुरस्कार 1913 में रविन्द्रनाथ टैगोर को उनकी पुस्तक
गीतांजली के लिये दिया गया।