Thomas Cook ब्रिटेन की 178 वर्ष पुरानी ट्रेवल कंपनी है जिसने स्वयं को दिवालिया घोषित कर दिया है. इसके परिणामस्वरूप कंपनी में कार्यरत 22,000 लोग बेरोजगार हो गये हैं तथा विश्व भर में Thomas Cook के पैकेज पर यात्रा कर रहे 1.5 लाख लोग भी जहां-तहां फंस गये हैं.
कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया कि उसने निजी निवेशकों से निवेश जुटाने का प्रयास किया था लेकिन अंततः वह 23 सितंबर 2019 को दिवालिया घोषित हो गई. इसके चलते ब्रिटिश सरकार को कंपनी के पैकेज पर फंसे यात्रियों को वापिस बुलाने के लिए चार्टड विमानों की सहायता लेनी पड़ी है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सभी यात्रियों को निःशुल्क घर वापिस पहुंचाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है.
थॉमस कुक के सीईओ पीटर फैंखोसेर ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि यह अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि पैसा जुटाने की अंतिम कोशिशों के बाद अंततः कंपनी दिवालिया घोषित की जा रही है. सीईओ ने अपने हज़ारों उपभोक्ताओं, कर्मचारियों से माफ़ी मांगते हुए कहा कि उन सभी उपभोक्ताओं, सप्लायर्स और भागीदारों का शुक्रिया जिन्होंने उन्हें वर्षों तक सहयोग प्रदान किया. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए दुःख की बात है कि हम कंपनी को सफलता से नहीं चला पाए.
थॉमस कुक के बारे में
थॉमस कुक विश्व की सबसे पुरानी ट्रेवल कम्पनियों में से एक थी. इसकी स्थापना वर्ष 1841 में लीसेस्टरशायर, इंग्लैंड में थॉमस कुक द्वारा की गई थी. पहले यह कंपनी ब्रिटेन के विभिन्न शहरों में स्थानीय लोगों तक अपनी सुविधा देती थी लेकिन थोड़े समय बाद यह विदेशों में भी सफर कराने लगी. इसके बाद वर्ष 1855 से थॉमस कुक ब्रिटेन की पहली कंपनी बनी जो यूरोपीय देशों में लोगों को सफर पर ले जाने लगी. इसके बाद 1866 में थॉमस कुक अमेरिका में भी अपनी सेवाएं देने लगी तथा 1872 से पूरे विश्व के लिए यह ट्रेवल सुविधा उपलब्ध कराने लगी.
ब्रिटिश सरकार ने यात्रियों की सहायता के लिए thomascook.caa.co.uk नामक वेबसाइट आरंभ की है. सरकार ने यात्रियों को हिदायत दी है कि जब तक उन्हें इस वेबसाइट के माध्यम से एयरपोर्ट जाने के लिए न कहा जाये वे सरकारी आदेश का इंतज़ार करें.
थॉमस कुक दिवालिया क्यों?
थॉमस कुक के दिवालिया होने के पीछे बहुत से कारण विद्यमान हैं जैसे इसमें ऑनलाइन प्रतियोगिता, कर्ज का बोझ, भौगौलिक-राजनीतिक घटनाएँ और लगातार बदलते बाजार के समीकरण शामिल है. वर्ष 2018 में यूरोप में हीटवेव ने कथित तौर पर कंपनी पर विपरीत प्रभाव डाला, कई ग्राहकों ने अंतिम समय में अपनी बुकिंग रद्द कर दी, जिससे इसके बिजनेस पर बुरा प्रभाव पड़ा था.
भारत पर प्रभाव
थॉमस कुक इंडिया ने कहा है कि थॉमस कुक के दिवालिया होने से भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि इसका स्वामित्व कनाडा फेयरफैक्स फाइनैंशल होल्डिंग्स के पास है. भारत में थॉमस कुक इंडिया ने कहा है कि यहां उसकी वित्तीय स्थिति मजबूत है क्योंकि इसका 77% हिस्सा 2012 में फेयरफैक्स फाइनैंशल होल्डिंग्स ने खरीद लिया था.